वर्ष 1953 में स्थापित टीआरआई, रांची अनुसंधान प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रकाशन का एक प्रमुख संस्थान है। संस्थान में एक जनजातीय संग्रहालय, पुस्तकालय, सम्मेलन हॉल और एक सभागार के साथ एक सुंदर परिसर है। संस्थान अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मुद्दों के व्यापक स्पेक्ट्रम के आधार पर विभिन्न अनुभवजन्य और सैद्धांतिक अध्ययन करता है। संस्थान को झारखंड सरकार और जनजातीय मामलों के मंत्रालय दोनों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
इन प्रयासों का फोकस नीति निर्माण, संसाधन निर्माण और विकास की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए झारखंड में जनजातियों के विभिन्न पहलुओं से संबंधित शैक्षणिक अंतर्दृष्टि और समझ का हस्तांतरण है। अनुसंधान के अलावा, संस्थान का मुख्य जोर जनजातीय कला और संस्कृति का संरक्षण है।
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Shri Ranendra Kumar
निर्देशक
डॉ. रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण अनुसंधान संस्थान,
कल्याण विभाग,
झारखंड सरकार
डेटा और सांख्यिकी
विभिन्न क्षेत्रों से तथ्य और जानकारी।
इस पहले राष्ट्रीय शिविर में हिमाचल से लेकर केरल तक लगभग 80 आदिवासियों और लोक चित्रकारों ने मिलकर रंगों का जादू जगाया।